दूध पीने की दुआ | Doodh Peene Ki Dua

दूध, अल्लाह तआला की एक खास नेअमत है। यह, ना सिर्फ जिस्म को ताक़त और क़ुव्वत देती है, बल्कि इसमें शिफा और फायदेमंद अजज़ा (components) भी मौजूद होते हैं।
हमारे प्यारे नबी ﷺ ने दूध को पसंद फरमाया है और इसे पीते वक्त एक खास दुआ भी सिखाई, ताकि हम सिर्फ जिस्मानी फायदा ही नहीं बल्कि रुहानी अज्र (सवाब) भी हासिल कर सके।
इस दुआ को पढ़ने से इस नेअमत का अल्लाह से शुक्र अदा करते है और साथ में हम उससे बेहतर रिज़्क की दुआ भी मांगते हैं। यह दुआ हमें सिखाती है कि हर नेअमत सिर्फ अल्लाह की तरफ से है और हम उसी से रिज़्क और बरकत की उम्मीद रखते हैं।
दूध पीने की दुआ
دودھ پینے کی دُعا
دُعا:
اللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِيهِ وَزِدْنَا مِنْهُ
ترجمہ:
اے اللہ! اس میں ہمارے لیے برکت عطا فرما اور ہمیں اس میں اور زیادہ دے۔
दूध पीने की दुआ
दुआ:
अल्लाहुम्मा बारिक लना फीहि वज़िदना मिन्हु
अनुवाद:
हे अल्लाह! इसमें हमारे लिए बरकत दे और हमें इसमें और ज्यादा अता फरमा।
Doodh Peene Ki Dua
Dua:
Allahumma Baarik Lana Feehi Wa Zidna Minhu
Meaning:
Ae Allah! Humein ismein barkat ata farma aur humein ismein aur zyada de.
रसूलुल्लाह ﷺ की हदीस
✅ हदीस 1:
रसूलुल्लाह ﷺ ने दूध पीने के बाद ये दुआ पढ़ी:
اللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِيهِ وَزِدْنَا مِنْهُ
(Abu Dawood: Hadees No. 3730 | Sahih by Albani)
📌 यह हदीस इस बात का सबूत है कि दूध पीते समय यह दुआ पढ़ना सुन्नत है।
✅ हदीस 2:
रसूलुल्लाह ﷺ ने दूध को खास किस्म की नेमत बताया:
“मैंने दूध से बेहतर कोई पेय नहीं पाया।”
(Sahih Muslim, Hadees: 2052)
📌 यह दिखाता है कि दूध एक मुकम्मल और पाक खुराक है।
दूध पीने की सुन्नत
इस्लाम में सिर्फ दुआ ही नहीं, बल्कि खाने-पीने के तौर-तरीके भी सिखाए गए हैं।
- दूध पीने से पहले “बिस्मिल्लाह” पढ़े।
- दाहिने हाथ से दूध पिए।
- दूध को एक ही सांस में, न पीकर थोड़ा थोड़ा करके पीना चाहिए।
- दूध पीने के बाद “अल्हम्दुलिल्लाह” कहे और अल्लाह का शुक्र अदा करें।
बच्चों को कैसे सिखाएं?
- बच्चों को प्यार से दुआ याद करवाएं।
- दूध पीते समय खुद भी दुआ पढ़ें और बच्चों को भी पढ़ाए। ताकि वो आदत डालें।
- उन्हें बताएं कि ये रसूल ﷺ की सुन्नत है और इसे पढ़ने पर बहुत नेकी मिलती है।
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निष्कर्ष
दूध, अल्लाह की दी गई बेहतरीन नेमतों में से एक है। इस्लाम हमें सिखाता है कि किसी भी नेमत को पाकर हम अल्लाह का शुक्र अदा करें और रसूलुल्लाह ﷺ की बताई गई सुन्नतों पर अमल करे। “दूध पीने की दुआ” न सिर्फ एक अच्छी आदत है, बल्कि यह हमारे अंदर शुक्र और बरकत की जज्बा को बढ़ाती है।
आइए, हम सब इस सुन्नत पर अमल करें और अपने घर वालों को भी इसकी तालीम दें।
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