नज़र की दुआ | Nazar Ki Dua

इस्लाम में “नज़र” यानी बुरी नज़र को हक़ माना गया है। इसलिए नज़र का असर इंसान की ज़िंदगी, सेहत, औलाद, कारोबार और खुशियों तक पर पड़ सकता है। यही वजह है कि कुरआन और हदीस में नज़र से बचने के लिए दुआएँ और अमल बताए गए हैं।
रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
“العين حق”
“नज़र सच है।” (सहीह बुख़ारी)
इसलिए हर मुसलमान को चाहिए कि वह नज़र से हिफ़ाज़त के लिए अल्लाह तआला की पनाह मांगे और बताई गई दुआएँ और अमल करे।
नज़र की दुआ
أَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللَّهِ التَّامَّةِ مِنْ كُلِّ شَيْطَانٍ وَهَامَّةٍ وَمِنْ كُلِّ عَيْنٍ لَامَّةٍ
अऊज़ु बिकलिमातिल्लाहित्ताम्मति मिन कुल्लि शैतानिन व हाम्मतिन व मिन कुल्लि ऐनिन लाम्मतिन।
तर्जुमा:
मैं अल्लाह के पूरे-पूरे कलमात की पनाह माँगता हूँ, हर शैतान और हर ज़हरीले जानवर से और हर बुरी नज़र से।
Nazar Ki Dua
A’oozu bikalimatillahit-tammati min kulli shaytanin wa hammati, wa min kulli ‘aynin lammati.
Tarjuma:
Main Allah ke pure-pure kalmat ki panah maangta hoon, har shaitan aur har zaherile janwar se aur har buri nazar se.
नज़र लगने की अलामात
नज़र लगने पर इंसान में कुछ ख़ास निशानियाँ ज़ाहिर हो सकती हैं। यह निशानियाँ बच्चों, बड़ों और यहाँ तक कि बेजान चीज़ों में भी देखी जा सकती हैं।
- बच्चों में: अचानक रोना, दूध न पीना, बहुत ज़्यादा बीमार रहना और चेहरे का पीला पड़ जाना।
- बड़ों में: अचानक तबीयत ख़राब होना, काम में मन न लगना, हर वक़्त बेचैनी रहना, बहुत ज़्यादा सुस्ती और उदासी महसूस होना।
- घर या कारोबार में: घर में अचानक झगड़े होना, कारोबार में नुक़सान होना और हर काम में रुकावट आना।
नज़र का इलाज
अगर किसी को नज़र लग जाए तो उसका इलाज सुन्नत तरीक़े से करना चाहिए।
- दुआ पढ़ना: ऊपर बताई गई दुआ को ज़्यादा से ज़्यादा पढ़ें और जिस शख़्स को नज़र लगी है, उस पर दम (फूँकना) करें।
- दुआओं का एहतमाम: सुबह-शाम के अज़कार, आयतुल कुर्सी और क़ुरान की आख़िरी तीन सूरह (सूरह इख़लास, सूरह फ़लक, सूरह नास) पढ़ कर अपने ऊपर और अपने घर पर दम करें।
- नज़र लगाने वाले से वज़ू कराना: अगर यह मालूम हो जाए कि नज़र किसने लगाई है, तो उस शख़्स के वज़ू का पानी नज़र लगे हुए शख़्स पर डाल दें। यह तरीक़ा हदीस से साबित है।
नज़र से बचने का अमल
इस्लाम में नज़र लगना एक हक़ीक़त है। इससे बचने के लिए हमारे प्यार नबी ने हमें कुछ आसान और ताक़तवर अमल सिखाए हैं, जिन्हें अपनाकर हम महफ़ूज़ रह सकते हैं।
1. अल्लाह का ज़िक्र करें
रोज़ाना अल्लाह का ज़िक्र करना नज़र से बचने का सबसे बेहतरीन तरीक़ा है। यह अमल एक मुसलमान की हिफ़ाज़त के लिए बहुत ज़रूरी है।
- सुबह और शाम के अज़कार: सुबह फ़ज्र की नमाज़ के बाद और शाम को अस्र की नमाज़ के बाद के अज़कार को अपनी आदत बना लें। इनमें आयतुल कुर्सी और क़ुरआन की आख़िरी तीन सूरह (सूरह इख़लास, सूरह फ़लक, सूरह नास) शामिल हैं।
- आयतुल कुर्सी: इसे सोने से पहले और घर से निकलने से पहले पढ़ें। यह शैतान और बुरी नज़र से हिफ़ाज़त करती है।
- सूरह फ़लक और सूरह नास: ये दोनों सूरह नज़र और जादू से हिफ़ाज़त के लिए बहुत असरदार हैं। रसूलुल्लाह ﷺ इन सूरतों को हर नमाज़ के बाद पढ़ते थे।
2. जब कोई अच्छी चीज़ देखें तो ‘माशाअल्लाह’ कहें
यह एक बहुत ही आसान और ज़रूरी अमल है। जब आपको किसी की कोई चीज़ अच्छी लगे या आप अपनी ही किसी ख़ूबसूरती या कामयाबी को देखें, तो ‘माशाअल्लाह’ कहें। इसका मतलब है “जो अल्लाह ने चाहा” और यह आपकी अपनी नज़र से भी बचाती है।
- हदीस: नबी ﷺ ने फ़रमाया, “जब तुममें से कोई अपने भाई में या अपने आप में या अपनी दौलत में ऐसी चीज़ देखे जो उसे पसंद आए, तो उसे उसके लिए बरकत की दुआ करनी चाहिए, क्योंकि नज़र लगना हक़ है।” (इब्ने माजा)
3. बच्चों के लिए दुआ
माँ-बाप को अपने बच्चों के लिए हमेशा दुआ करनी चाहिए। रसूलुल्लाह ﷺ अपने नवासे हसन और हुसैन (र.अ.) के लिए यह दुआ पढ़ते थे:
- दुआ: अऊज़ु बिकलिमातिल्लाहित्ताम्मति मिन कुल्लि शैतानिन व हाम्मतिन व मिन कुल्लि ऐनिन लाम्मतिन
- अनुवाद: “मैं अल्लाह के पूरे-पूरे कलमात की पनाह माँगता हूँ, हर शैतान और हर ज़हरीले जानवर से और हर बुरी नज़र से।”
4. रोज़ाना की ज़िन्दगी में अमल
- वज़ू की आदत: हर वक़्त वज़ू में रहने की कोशिश करें। वज़ू में रहना आपको शैतान और बुरी नज़र से बचाता है।
- अल्लाह पर भरोसा (तवक्कल): हमेशा अल्लाह पर पूरा भरोसा रखें कि वही आपकी और आपके परिवार की हिफ़ाज़त करेगा।
- सच्ची नीयत: कोई भी अच्छा काम करने से पहले अल्लाह से मदद माँगें और अच्छी नीयत रखें।
इन आमाल को अपनाकर आप इंशाअल्लाह बुरी नज़र और हर तरह के नुक़सान से महफ़ूज़ रहेंगे।
ख़ुलासा
नज़र लगना एक हक़ीक़त है और इसका इलाज क़ुरआन और सुन्नत से ही मुमकिन है। हमें दुआओं और ज़िक्र के ज़रिए अल्लाह से पनाह माँगनी चाहिए और हर हाल में उसी पर भरोसा रखना चाहिए। अल्लाह हम सबको हर तरह की बुरी नज़र और नुक़सान से महफ़ूज़ रखे। आमीन।