सोने की दुआ | Sone Ki Dua

जब हम दिन भर काम करके थक जाते हैं, तो हमारा जिस्म और दिमाग दोनों आराम चाहता हैं। इसलिए हमें रात को सोना पड़ता है।
लेकिन अगर हम रात को सोने से पहले अल्लाह को याद कर ले और दुआ पढ़कर सो जाए, तो हमें और भी चैन और सुकून की नींद आ जाएगी।
इस्लाम में नींद को “छोटी मौत” भी कहा गया है। इसलिए हमें हमारे प्यारे नबी की बताई हुई दुआ और तरीके को अमल करके सोना और जागना चाहिए।
सोने से पहले की दुआ
سونے سے پہلے کی دُعا
دُعا:
بِاسْمِكَ اللَّهُمَّ أَمُوتُ وَأَحْيَا
ترجمہ:
اے اللہ! میں تیرے نام کے ساتھ مرتا ہوں اور جیتا ہوں۔
सोने से पहले की दुआ
दुआ:
बिस्मिकल्लाहुम्मा अमूतु वा अह्या
अनुवाद:
हे अल्लाह! मैं तेरे नाम के साथ मरता हूँ और (सुबह) जीवित होता हूँ।
Sone Se Pehle Ki Dua
Dua:
Bismik-Allahumma Amootu Wa Ahyaa
Meaning:
Ae Allah! Tere hi naam ke saath (रात को) मरता हूँ और (सुबह) ज़िंदा होता हूँ।
सोकर उठने के बाद की दुआ
سونے کے بعد جاگنے کی دُعا
دُعا:
الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي أَحْيَانَا بَعْدَ مَا أَمَاتَنَا وَإِلَيْهِ النُّشُورُ
ترجمہ:
تمام تعریفیں اللہ کے لیے ہیں جس نے ہمیں موت (نیند) کے بعد زندگی دی، اور اُسی کی طرف لوٹ کر جانا ہے۔
सोकर उठने के बाद की दुआ
दुआ:
अल्हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी अह्याना बाद मा अमातना वा इलैहिन्नुशूर
अनुवाद:
सब तारीफ उस अल्लाह के लिए है जिसने हमें मौत (नींद) के बाद ज़िंदगी दी, और उसी की तरफ लौट कर जाना है।
Sokar Uthne Ke Baad Ki Dua
Dua:
Alhamdu lillaahil-ladhi ahyaana ba’da maa amaatana wa ilaihin-nushoor
Meaning:
Tamam tareef us Allah ke liye hai jisne humein maut (neend) ke baad zindagi di, aur usi ki taraf lautna hai.
सोने से पहले की सुन्नतें
- वुज़ू करके सोएं – जैसे हम नमाज़ से पहले वुज़ू करते हैं, वैसे ही वुज़ू करके सोना बहुत सवाब वाला अमल है।
- दायां करवट लेकर सोएं – नबी (स.अ.) दाहिनी करवट लेटते थे।
- बिस्तर झाड़कर सोएं – नबी (स.अ.) ने बिस्तर झाड़कर सोने की हिदायत दी।
- तीन बार सुरह इखलास, फलक और नास पढ़कर दम करें – इससे शैतान और बुरे ख़्वाबों से हिफाज़त मिलती है।
- आयतुल कुर्सी पढ़ें – इससे सारी रात अल्लाह की हिफाज़त में रहते हैं।
सोने और जागने की दुआ पढ़ने के फायदे
- शैतान और बुराई से हिफाज़त होती है।
- दिल को सुकून और नींद चैन की आती है।
- अल्लाह की रहमाते हम पर नाजिल होती है।
- हर रात हमारी सोना भी इबादत में लिखा जाता हैं।
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निष्कर्ष
सोने से पहले की दुआ और सुबह उठने के बाद की दुआ पढ़ना सिर्फ एक रस्म नहीं बल्कि हमारे दीन का हिस्सा है। इन दुआएं को पढ़ने से हमारे रात को सोना भी इबादत में लिखा जाता हैं।
अगर हम इसी तरह हर दिन सारी दुआएं पढ़े, तो यकीन मानिए कि हमारा हर दिन और हर रात अल्लाह की रहमत के साथ गुज़रेगा|
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